हुस्न गुलशन हुआ नहीं होता
दिल अगर फूल सा नही होता.
आदमी ने कहा नहीं होता
तो खुदा भी खुदा नहीं होता
जाते जाते बता गया वो मुझे
दूर माने जुदा नहीं होता
अक्स शायद बदल गया मेरा
आइना बेवफा नहीं होता
आँख से खूँ टपक गया 'ग़ालिब '
अब रगों में जमा नहीं होता
Tuesday, June 09, 2009
a stuff that hit me.
Posted by asim sah at Tuesday, June 09, 2009
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i can't thanks you more...
ReplyDelete:)
its amzing word dear brother. u got talent
ReplyDeleteयह सुंदर रचना पढ़वाने के लिए साधुवाद.
ReplyDeletehemji this written by my dear and a very talented younger brother. Darpan sah(darpansah.blogspot.com)
ReplyDeleteआदमी ने कहा नहीं होता
ReplyDeleteतो खुदा भी खुदा नहीं होता
बहुत खूब....!!
आपकी लिखी है या ग़ालिब की .....??
wow..awesome creation..one of the most soulful lines I have ever read!!
ReplyDeleteplease visit for more such gems http://darpansah.blogspot.com/
ReplyDeleteजाते जाते बता गया वो मुझे
ReplyDeleteदूर माने जुदा नहीं होता..pahle bhi padi huee hai shayad kyee baar
उम्दा और खूबसूरत ग़ज़ल है..आपसे मिलकर अच्छा लगा..
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