हुस्न गुलशन हुआ नहीं होता
दिल अगर फूल सा नही होता.
आदमी ने कहा नहीं होता
तो खुदा भी खुदा नहीं होता
जाते जाते बता गया वो मुझे
दूर माने जुदा नहीं होता
अक्स शायद बदल गया मेरा
आइना बेवफा नहीं होता
आँख से खूँ टपक गया 'ग़ालिब '
अब रगों में जमा नहीं होता
Tuesday, June 09, 2009
a stuff that hit me.
Posted by
asim sah
at
Tuesday, June 09, 2009
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